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इतिहास में पहली बार बदरीनाथ-केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तारीख में बदलाव


कोरोना लॉकडाउन के मद्देनजर बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख में बदलाव किया गया है। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट की नई तिथि पर मंगलवार को फैसला लिया जाएगा। अब बदरीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे। इतिहास में यह पहली बार है जब कपाट खुलने की तारीख बदली गई है।
इतिहास में पहली बार बदली गई कपाट खुलने की तिथि
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि में जो परिवर्तन किया गया, वह इतिहास में पहली बार हुआ है। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी को टिहरी राज दरबार पंचांग गणना के आधार पर होती  है। इस वर्ष पहली बार निर्धारित तिथि के अनुरूप तिथि में बदलाव किया गया है। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि पहली बार कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन हुआ है और ये इतिहास में पहली बार हुआ। कपाट खुलने से पूर्व जोशीमठ में होने वाले धार्मिक मेलों के आयोजन पर भी विचार किया जाएगा।

सोमवार को टिहरी महाराज मनुजेंद्र शाह के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बैठक की। इस दौरान लॉकडाउन की परिस्थितियों को देखते हुए बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख में बदलाव किया गया। अब बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 15 मई को सुबह 4:30 बजे खोले जाएंगे। यह जानकारी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दी।
पहले इस दिन खुलने थे कपाट
पहले बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 30 अप्रैल निर्धारित की गई थी। केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलने थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव किया गया है।

कोरोना संकट को देखते हुए प्रशासन ने धाम के कपाटोद्घाटन के दौरान कुछ ही लोगों को धाम में जाने की अनुमति की योजना बनाई गई थी। प्रदेश सरकार और देवस्थानम बोर्ड की ओर से कोरोना संकट को देखते हुए टिहरी राज दरबार से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तन की राय मांगी थी।

बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि15 मई तक कोरोना का प्रकोप काफी हद तक समाप्त हो जाएगा। हर साल कपाट खुलने को लेकर एक माह पहले तैयारियां शुरू हो जाती थीं, धाम से जुड़े कुछ लोग मंदिर में रंग रोगन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए बदरीनाथ पहुंच जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण यह सारी गतिविधियां नहीं हो पा रही हैं।
ऊखीमठ में रावल की मौजूदगी में होगी बैठक
केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव को लेकर मंगलवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में रावल की मौजूदगी में पंच पुरोहितों, आचार्यगणों, वेदपाठियों और पंचगाईं प्रमुखों के साथ मंचन के बाद निर्णय लिया जाएगा। साथ ही धाम के कपाट की तिथि में बदलाव के लिए द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में भी परिवर्तन करना होगा। साथ ही भगवान भैरवनाथ की पूजा की नई तिथि तय होगी।

भगवान आशुतोष के ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर पंचांग गणना के अनुसार 29 अप्रैल सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर तय की गई थी। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में जारी लॉकडाउन के कारण अब बाबा केदार के कपाटोद्घाटन की तिथि में बदलाव किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की नई तिथि आगामी 15 मई घोषित कर दी गई है। परंपरानुसार केदारनाथ के कपाट इससे पहले खोले जाने की परंपरा है।

संभावना यह है कि आगामी 14 मई को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट खोले जा सकते हैं। इस बात को लेकर मंगलवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचगाई समिति के प्रमुख लोगों के साथ ही वरिष्ठ तीर्थपुरोहित, आचार्य और वेदपाठियों की मौजूदगी में केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग के दिशा-निर्देशों पर गहन मंथन होने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अगर, केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव होता है, तो इससे द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में भी बदलाव करना पड़ेगा, जो कि पूर्व में 11 मई व 20 मई तय है।

सके अलाव केदारनाथ के क्षेत्रपाल भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा की तिथि भी नई तय करनी होगी। इन सभी विषयों पर सभी लोगों के विचारों पर गहन मंथन के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। इधर, केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग और बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि इस बैठक के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

 

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